
मूर्ति चोरों को पकड़कर पुलिस ने राम भक्तों को दिया दिवाली का तोहफा
- कर्नाटक से दो को लिया हिरासत में
- ११ में से ५ मूर्तियां की बरामद
- पुलिस मुख्य आरोपी की तलाश में
जालना: घनसावंगी तहसील के जाम समर्थ स्थित मंदिर से पुरातनकालीन प्रभू रामचंद्र की पंचधातु की मूर्ति के साथ ही कुल ११ मूर्तियों की चोरी प्रकरण को सुलझाने में आखिरकार गुनाह शाखा टीम को सफलता मिली. पिछले ४ दिनों से टीम में महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई शहरों में उपस्थित दर्ज करवाकर मामले से जुड़े दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से पांच मूर्तियां बरामद कर ली. मुख्य सूत्रधार की तलाश में पुलिस की टीम को कर्नाटक रवाना किया गया है. मूर्ति चोरों को पता लगाकर पुलिस ने राम भक्तों को मानों दिवाली का तोहफा दिया है.
जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें शेख राजु शेख हुसेन (निवासी कर्नाटक राज्य, फिलहाल सांजा नगर रामनगर उस्मानाबाद) तथा महादेव शिवराम चौधरी (ओतारी) (निवासी संजय नगर वैराग तहसील बार्शी जि. सोलापुर ) का समावेश है. जबकि शेख जिलानी नामक मुख्य आरोपी की तलाश में पुलिस की टीम कर्नाटक रवाना हो चुकी है.

समर्थ रामदास स्वामी की जन्मस्थली जांबसमर्थ में स्थित मंदिर में पुरात्कालीन पंचधातु की मूर्तियों की चोरी २१ अगस्त की रात को अज्ञात चोरों ने की थी. जिसको लेकर धनंजय वसंतराव देशपांडे ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी.
प्रभू श्रीराम चंद की मूर्ति चोरी का यह मामला राज्यभर में सुर्खियों में था तथा विधानसभा में भी मुद्दा उठाया गया था. सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने गांव का दौरा किया था जबकि जालना में राम भक्तों ने भूख हड़ताल भी की थी. सप्ताह भर पहले स्वयं पुलिस अधीक्षक ने राम भक्तों तथा हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों से
* उस्मानाबाद, सोलापुर और कर्नाटक से जाकर जुड़े चोरों के तार
गांव के कुएं और तालाबों की तलाशी, उस दिन मोबाईल टॉवर में एक्टिव मोबाइल कॉल सहित पांच सौ लोगों की जांच के बाद भी जब कुछ हाथ नहीं लगा तब स्वयं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी हर दिन इसका ब्योरा लेने लगे. जांच के लिए औरंगाबाद परिक्षेत्र के ६ आला अधिकारियों की टीम भी लगा दी गई. स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम भी नियुक्त कर कुल ६ अलग अलग दस्ते अपने स्तर पर काम करते रहे. लेकिन पहले दिन से एलसीबी के पुलिस निरीक्षक सुभाष भुजंग इस मामले को हल करने में लग गए थे. आखिरकार २५ अक्तुबर को जब सब दिवाली मना रहे थे. उनके नेतृत्व में पुलिस की टीम महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य के शहरों में तलाशी अभियान में जुट गए थे. आखिरकार मामले से जुड़े आरोपियों को सोलापुर से धर दबोचा गया तथा मुख्य आरोपी की तलाश में कर्नाटक में पुलिस जांच कर रही है.
* पुलिस ने पिछले दो महीने में बिड, औरंगाबाद, परभणी, नांदेड, उस्मानाबाद, सोलापुर, कोल्हापुर, अहमदनगर, पुणे, मुंबई, बुलढाणा तथा करनार्टका राज्य के कई शहरों में तलाशी अभियान चलाया.
*शेख राजू शेख हुसैन को सोलापुर से धर दबोचा
इस बीच गुनाह शाखा पुलिस निरीक्षक सुभाष भुजंग को जानकारी मिली तथा उन्होंने बिना देरी किए 25 अक्तुबर से उस्मानाबाद, सोलापुर, लातूर और कर्नाटक में तलाशी अभियान तेज कर दिया. पक्की खबर मिलने पर पुलिस ने सोलापुर से शेख राजु शेख हुसैन को हिरासत में ले लिया. शेख राजू कर्नाटक का रहने वाला है लेकिन इन दिनों उस्मानाबाद में रखता है. शेख राजू ने पुलिस को बताया की उसने अपने एक साथ के साथ मिलकर मूर्तियों की चोरी की थी. उसने पुलिस को यह भी बताया की चोरी की कुछ मूर्तियों को उन्होंने महादेव शिवराम चौधरी (ओतारी) निवासी संजय नगर वैराग तहसील बार्शी जिला सोलापुर को बेची है. पुलिस ने महादेव चौधरी को गिरफ्तार कर उसके पास से श्रीराम-सीता माता, भरत, शत्रुघ्न, दो हनुमान की मूर्तियां इस तरह 05 राम पंचायतन मूर्तियां जब्त की. पुलिस मुख्य आरोपी की तलाश में है.
* 20 हजार में मूर्तियों का बेचा जाना कई तरह की शक खडा कर रहा है
इन सब के बीच एक बात जो अभी हजम नहीं हो रही है वो यह कि जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है वे संबंधित गांव के भी नही है तथा जालना जिले के भी नही. अब यदि यह माना भी जाए की ये चोर मूर्ति चोर गिरोह से जुड़े हुए है तो ये बात हजम नहीं हो रही है की इन चोरों ने मूर्तियों को केवल २० हजार में बेच दिया. पुलिस का कहना है की जब तक मुख्य आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाता तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता. आरोपियों की पुलिस कस्टडी हासिल कर आगे की जांच होगी.
* २ लाख का इनाम हुआ था घोषित
आज पुलिस महकमे की इस बड़ी सफलता की जानकारी पुलिस अधीक्षक डॉ अक्षय शिंदे ने संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर दी. इस समय अप्पर पुलिस अधीक्षक विक्रांत देशमुख, गुनाह शाखा पुलिस निरीक्षक सुभाष भुजंग भी उपस्थित थे. इस समय जब पुछा गया की दो लाख का घोषित इनाम किसे मिलेगा. इस पर उनका कहना रहा की यह सफलता पूरे पुलिस महकमे की है तथा तकनीकी जांच से मिले सुराग के जरिए पुलिस चोरों तक पहुंची. घोषित इनाम वैसे तो किसी को नही मिल सकता. लेकिन गुनाह शाखा पुलिस टीम की इस बड़ी सफलता पर इस टीम को रिवार्ड जरूर दिया जाएगा.
* आरोपी का डीएनए घटनास्थल से बरामद
पुलिस अधीक्षक से जब पूछा गया कि जिन मामलों में इनाम घोषित होते है तथा आरोपियों को पकड़ा भी जाता है बावजूद इसके कई मामलों में आरोपी बाद में बाइज्जत बरी हो जाते है. इस पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आरोपियों का डीएन घटनास्थल से हासिल किया है. इस बार आरोपी को सजा दिलाने के लिए पुलिस के पास कई सबूत है.
यह कार्रवाई गुनाह शाखा पुलिस निरीक्षक सुभाष भुजंग, उपनिरीक्षक प्रमोद बोंडले, सहायक पुलिस निरीक्षक शशिकांत तवार, उप निरीक्षक संदीप ओहोल, अंमलदार सॅम्युअल कांबले, गोकुल सिंह कायटे, संजय मगरे, फूलचंद हजारे, भाऊराव गायके, विनोद गडदे, कृष्णा तंगे रुस्तुम जैवाल, जगदीश बावणे, रंगीत मेराळ, सागर बाविस्कर, दत्ता वाडे, सचिन चौधरी, सुधीर वाघमारे, देवीदास भोजने, प्रशांत लोखंडे, फूलचंद गव्हाणे, भागवत खरात, किशोर पुंगले, योगेश सहाणे, धीरज भोसले, कैलास चेके, रवी जाधव, चंद्रकला शडमल्लु, गोदावरी सरोदे के साथ ही विशेष जांच दस्ते के पुलिस निरीक्षक, संजय लोहकरे औरंगाबाद (ग्रामीण), सहायक पुलिस निरीक्षक योगेश धोंडे, संतोष मरल, गणेश राऊत, पुलिस निरीक्षक प्रशांत महाजन, अंमलदार रामप्रसाद रंगे, रामेश्वर जाधव, अंबादास साबले, लक्ष्मीकांत आडेप आदि ने विशेष परिश्रम किया.