गर्भवती महिलाओं को ग्रहण को बाध्य न करें! अशुभ नहीं होता है ग्रहण

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण को बाध्य न करें! अशुभ नहीं होता है ग्रहण
*ग्रहण के दौरान कोई हानिकारक किरणें नहीं निकलती हैं, भोजन और पानी दूषित नहीं होता है.
* महाराष्ट्र अंधविश्वास उन्मूलन समिति और सांगली मिराज फिजियोलॉजिस्ट एसोसिएशन ने जारी किया बयान
जालना: 25 अक्टूबर को दिवाली के दिन शाम 4.50 बजे पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. इस समय सूर्य का 36 प्रतिशत भाग ढका रहेगा. ग्रहण सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की छाया का खेल है. इसमें अशुभ जैसा कुछ भी नहीं है. ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं के लिए कई तरह के बंधन का पालन करने को लेकर बाध्य किया जाता है जो गलत है. ऐसा ना किया जाएगा.
छोडो अंधविश्वास का ग्रहण मुहिम अंधश्रद्धा निर्मूलन समिती द्वारा चलाई जा रही है. इसमें सांगली मिराज फिजियोलॉजिस्ट एसोसिएशन ने भाग लिया है. इन दोनों संगठनों द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सूर्य ग्रहण जैसी खूबसूरत खगोलीय घटना को अशुभ माना जाता है जो गलत है. ग्रहण के दौरान कोई हानिकारक किरणें नहीं निकलती हैं, भोजन और पानी दूषित नहीं होता है.
ग्रहण के दौरान गर्भवती मां को अंधेरे कमरे में रखना उसके और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. यदि गर्भवती मां ग्रहण के दौरान काम करती है तो बच्चे के होंठ फटने का कोई चिकित्सकीय आधार नहीं है. मानव भ्रूण का विकास 8 वें सप्ताह तक पूरा हो जाता है और इसके लिए गुणसूत्र और जीन जिम्मेदार होते हैं. भ्रूण साकोर्मा आनुवंशिक या नए उत्परिवर्तन के कारण आनुवंशिक या गुणसूत्र दोषों के कारण होता है, या पहले 2 महीनों के दौरान कुछ दवाएं लेने के साथ-साथ फोलेट और विटामिन बी 12 की कमी के कारण होता है. अगर डॉक्टर को तीसरे और पांचवें महीने में सोनोग्राफी में कोई खराबी न दिखे तो घबराने की कोई बात नहीं है.
गर्भवती मां को इस दौरान परेशान न करने तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण रख इस खगौल घटना से रूबरू होने की अपील सांगली और मिराज के गायनेकोलॉजी स्पेशलिस्ट एसोसिएशन की अध्यक्षा डॉ. मोनिका कल्लोली, डॉ कांचन जोशी, महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के जिला कार्याध्यक्ष कार्याध्यक्ष ज्ञानेश्वर गिराम, जिला प्रधान सचिव मधुकर गायकवाड, रमाकांत बरिदे, जिला अध्यक्षा विमलताई आगलावे, शंकर बोर्डे, कल्याण बागल, अनुराधाताई हेरकर, अनिता माहोरे, माया गायकवाड , मनोहर सरोदे, संजय हेरकर, प्रशांत वाघ, नारायण माहोरे, संतोष मोरे, अच्युत मोरे ने की है.
सूर्य ग्रहण के बारे में वैज्ञानिक जानकारी और भ्रांतियों को दूर करने के लिए मीम्स और पोस्टर के जरिए सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया गया है.