पंजाब नेशनल बैंक को मुआवजे के साथ खर्च का भुगतान करने का आदेश
उपभोक्ता आयोग ने सुनाया निर्णय
जालना: जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने पंजाब नेशनल बैंक को आदेश दिया है कि बीमा का चेक भेजने में लापरवाही के कारण ग्राहक को बीमा लाभ से वंचित रहना पड़ा है. इसके चलते ग्राहक को मुआवजा भी दिया जाए तथा शिकायत को लेकर अब तक किए गए खर्च की राशि भी अदा की जाए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यवसायी शरद बगड़िया ने जूनी ओरिएंटल बैंक आॅफ कॉमर्स, पंजाब नेशनल बैंक और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के सहयोग से चल रही ओबीसी-ओरिएंटल मेडिक्लेम पॉलिसी 2017 ली थी. 20 मार्च 2016 से 20 मार्च 2020 तक, शरद बगड़िया ने नियमित रूप से बैंक के माध्यम से सभी बीमा किश्तों का भुगतान किया. हालांकि, पॉलिसी नवीनीकरण किस्त भी देय तिथि से पहले 13 मार्च, 2020 को जमा किया गया था.

इस किश्त को लेकर पंजाब नेशनल बैंक ने बीमा कंपनी के नाम पर धनादेश भी तयार किया. लेकिन बीमा कंपनी के पुणे कार्यालय को यह चेक 29 जुलाई 2020 को प्राप्त हुआ. किश्त में देरी होने के कारण बीमा कंपनी ने पॉलिसी को नवीनीकृत नहीं किया.
शरद बगड़िया को बीमा कंपनी द्वारा सूचित किया कि पॉलिसी रद्द कर दी गई है. किस्त भरने के बाद भी केवल बैंक की लापरवाही के कारण पॉलिसी रद्द होने से नाराज शरद बगडिया ने एड महेश धन्नावत के मार्फत उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई थी.
सुनवाई के दौरान एड धन्नावत ने आयोग को बताया की बैंक की लापरवाही के चलते बगड़िया बीमा पॉलिसियों में शामिल सभी लाभों से वंचित होना पड़ा जैसे नो क्लेम बोनस, टाइम बॉन्ड एक्सक्लुजन, पहले से मौजूद बीमारियों के लिए कवर आदि से वंचित रहना पडा.
दोनों तरफ से बहस को सुनने के बाद आयोग ने पंजाब नेशनल बैंक को आदेश दिया कि मुआवजे के रूप में २५ हजार रुपए का भुगतान किया जाए साथ ही खर्च के रूप में ३ हजार रुपए अदा किए जाए. यह आदेश आयोग की अध्यक्षा नीलिमा संत, सदस्या मंजुषा चितलांगे, नीता कांकरिया ने जारी किए.